पहले मैं ऐसा नहीं था. यह आदत मुझमे पहले कभी नहीं थी. अपने सिवा,समाज या दूसरों के बारे में कभी विचार नहीं कर पाता था. सोचता था, ईश्वर ने सबसे ज्यादा दु:खों का भार मुझे ही दे डाला है. जीवन के अकेलेपन और अपनी इसी सोच के चलते, मैंने मेरे जीवन में कुछ ऐसे लम्हों का सामना किया, जब लोगों ने मुझे चेतना-शून्य अवस्था में और खुद मैंने अपने-आपको मृत्यु के गहन अन्धकार की ओर बढ़ता हुआ पाया. जहाँ, दूर खड़ी एक उजली छाया मुझे वापस लौट जाने का संकेत कर रही थी. वह छाया ईश्वर की थी या मृत्यु के देवता की, मैं आज तक नहीं समझ पाया हूँ. पर,होश आने पर मैंने पाया, लोग मुझे पागल समझते हुए अपने-अपने तरीकों से सहानुभूति ज़ाहिर कर रहे थे. इनमे से कुछ चेहरे ऐसे भी दिखाई दिए, जिन्हें मुझसे हमदर्दी की बजाय, मेरे उन कर्मो की खामियाँ नज़र आ रही थीं, जिनके चलते मैंने खुद को इस मोड़ पर पहुँचा दिया था.
पहले तो, उन कटु आलोचनाओं को सुन मेरा दिल आंदोलित हो उठा, लेकिन बाद में मैंने विचार किया कि उनके कहने का तरीका भले ही गलत हो, मगर बात शत-प्रतिशत सच है. ये मेरे स्वार्थ और मेरी सोच के नतीजे ही थे, जिन्होंने मेरे जीवन में ऐसे पल ला खड़े किये.
यह पहला मौका था,जब मैं पागलों जैसी अवस्था में घर से बाहर निकला और मैंने एकसाथ तमाम ऐसे दृश्य देख डाले, जिनमे दुखों की पराकाष्ठा मेरे खुद के ग़मों से कहीं अधिक बढ़कर थी. मैंने जवान बेटे की मौत पर बिलखते माता-पिता को देखा. मैंने अपंग अवस्था में भी मुस्कान बटोरते जीवन के सच्चे नायकों को देखा. मैंने देखा, ग़म वहाँ भी है, जिन्हें हम खुशनसीब समझते हैं.दु निया में कोई ऐसी जगह है ही नहीं, जहाँ ग़म न हो. ख़ुशी तो महज़ वह विश्राम-स्थल है, जहाँ हम कुछ देर ठहरकर जीवन की गाड़ी को आराम देते हैं. पर, ईश्वर ने हमारी जो मंजिल तय कर रखी है, उसतक पहुँचने के लिए हमें कर्मों के रथ पर सवार होकर आगे बढ़ना ही पड़ता है. और यही रास्ते,ग़म या तकलीफ कहलाते हैं.
कहाँ गलत था और क्यों असफल रह गया, अबतक मुझे समझ में आ चुका था. मैं जान चुका था, कि अपनी नज़रों में सही होकर भी क्यों सबकी अवहेलना, कठोरता और शत्रुता का पात्र बनता रहा. जिसके बाद, मैंने अपना कर्म-पथ निर्धारित कर लिया है. अब मैं केवल अपने बारे में नहीं सोचता. ढूँढता रहता हूँ वे सभी तस्वीरें,जो दुबारा मुझे गलत बनने से रोक सकें. और हमेशा यह अहसास करा सकें, कि इन्सान सुखी हो या दु:खी, भगवान सभी के लिए एक समान हैं.